Ratan Tata News: रतन टाटा जी का जन्म 28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर में हुआ। वह टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के पर पोते थे। वह पारसी धर्म से संबंध रखते थे। रतन टाटा जी के माता-पिता उनके बचपन के दौरान ही अलग हो गए थे जिसकी वजह से उनकी दादी ने उनकी परवरिश की थी। रतन टाटा जी को साल 1991 में टाटा ग्रुप का अध्यक्ष बनाया गया था।
रतन टाटा जी को किताबों से बहुत लगाव था। वह एक बुक लवर थे। उन्हें सक्सेसफुल लोगों की स्टोरी पढ़ना बहुत पसंद था। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि वह अपने इस शौक को समय नहीं दे पाते थे लेकिन अब रिटायरमेंट के बाद वह इसे समय दे पा रहे हैं। रतन टाटा बचपन से ही ज़्यादा बातचीत नहीं किया करते थे। वह हमेशा से औपचारिक और ज़रूरी बातचीत ही किया करते थे।
रतन टाटा जी की हॉबीज की बात करें तो उन्हें 60-70 दशक के गाने सुनना बहुत पसंद था। रतन टाटा कहते थे कि “मुझे बड़ी संतुष्टि होगी अगर मैं शास्त्रीय संगीत को बजा पाऊं”। Ratan Tata जी को शॉपेन, सिम्फनी, बिथोवन, चेकोस्की पसंद थे। वह कहते थे कि “मुझे लगता है कि काश मैं खुद इन सभी को पियानो पर बजा सकूं।”
रतन टाटा जी को गाड़ियों से भी काफी लगाव था। उनका कहना था कि उन्हें पुरानी और नई दोनों तरह की गाड़ियां पसंद हैं। उनको गाड़ियों की स्टाइलिंग और उनके मैकेनिज्म के प्रति गहरा रुझान था। इसलिए वह कहते थे कि मैं उन्हें खरीदता हूं ताकि उन्हें पढ़ सकूं।
रतन टाटा जी की शादी चार बार होते-होते रह गई थी। रतन टाटा जी ने बताया था कि एक बार तो उनकी शादी US में लगभग हो ही गई थी लेकिन तभी अचानक उनकी दादी का फोन आया और उन्होंने बुला लिया। जब वह दादी के पास भारत आए तो उसी दौरान भारत का चीन से युद्ध छिड़ गया। युद्ध की वजह से है वह भारत में ही अटक गए और जिस लड़की से उनकी शादी होने वाली थी उसकी किसी और से शादी हो गई।
Ratan Tata News: 21 साल तक टाटा ग्रुप के रहे चेयरमैन, 50 गुना बड़ा मुनाफा
Ratan Tata जी ने साल 1962 के अंदर फैमिली बिज़नेस टाटा ग्रुप को ज्वाइन किया था। जॉइनिंग के बाद शुरुआत में रतन टाटा ने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया था। उसके बाद उन्होंने मैनेजमेंट पोजीशन ज्वाइन करी और उसमें आगे बढ़ते रहे। जे.आर.डी. टाटा जी ने साल 1991 में अपना पद छोड़ दिया और फिर उनके पद की कमान रतन टाटा जी ने संभाली।
साल 2012 में रतन टाटा जी 75 वर्ष के जब हुए तो उन्होंने एग्जीक्यूटिव फंक्शंस को छोड़ दिया। टाटा ग्रुप में वह 21 वर्षों तक रहे जिस दौरान टाटा ग्रुप का मुनाफा उन्होंने 50 गुना बढ़ा दिया। इस मुनाफे का अधिकांश रिवेन्यू जगुआर-लैंडरोवर व्हीकल्स और टेटली जैसे प्रसिद्ध टाटा के उत्पादों का विदेशों में बिक्री होने की वजह से आया।
रतन टाटा ने जब अपना पद छोड़ा तब उन्होंने अपनी जगह पर 44 साल के साइरस मिस्त्री को उत्तराधिकारी नियुक्त किया। उनका परिवार टाटा ग्रुप में इंडिविजुअल सबसे बड़ा शेयर होल्डर था। लेकिन कुछ वर्षों के बाद में साइरस मिस्त्री और रतन टाटा के दरमियान तनाव बढ़ गया था। इसके बाद साल 2016 अक्टूबर के अंदर रतन टाटा के पूर्ण समर्थन के साथ साइरस मिस्त्री को टाटा के बोर्ड से बाहर कर दिया गया। इसके बाद फरवरी 2017 तक जब तक कोई नया उत्तराधिकारी का नाम घोषित नहीं हुआ, तब तक रतन टाटा ने अध्यक्ष के रूप में पद संभाले रखा।
Ratan Tata News: 50 साल छोटे थे Ratan Tata के सबसे करीबी दोस्त
30 साल के शांतनु नायडू रतन टाटा के सबसे गरीबी माने जाने वाले दोस्त हैं। शांतनु नायडू टाटा ग्रुप के जनरल मैनेजर हैं। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि मुझे रतन टाटा अपने साथ डिनर पर ले गए थे। उन्होंने बताया कि वह मुझे ‘थाई पवेलियन’ खुद कार चला कर ले गए। इस दौरान मैंने उनसे पूछा कि मेरे ग्रेजुएट होने पर क्या आप मेरे दीक्षांत समारोह में आएंगे? इस पर रतन टाटा ने कहा हां मैं पूरी कोशिश करूंगा और फिर वह आए भी।
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